शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली - ट्रीगर

 ट्रीगर : यह शब्द जरा संजीदा है। इसका सादा अर्थ है बाजार का ``चालक बल`` या ड्राइवर। बाजार की भाषा में कहें तो मार्केÀट को ऊंचा लेे जाने के लिए किसी ट्रीगर की जरूरत होती है। शेयर बाजार एक या अनेक कारक तत्वों के आधार पर संचालित होता है, उसकी गति ऊपर या नीचे की ओर हो सकती है परंतु बाजार को वेग देने के लिए ट्रीगर प्वाइंट जरूरी है। उदाहरण के लिए सरकार जब कोई उदार एवं प्रोत्साहनात्मक नीति जाहिर करती है तब बाजार को ऊपर जाने के लिए ट्रीगर मिल जाता है अथवा रिलायंस जैसी विशाल कंपनी का परिणाम काफी उत्साहवर्धक जाहिर हो तो यह भी बाजार को ऊपर ले जाने के लिए ट्रीगर बन सकता है। रिजर्व बैंक की ऋण नीति अत्यधिक प्रोत्साहन वाली थी जिससे बाजार को ऊपर जाने का ट्रीगर मिल गया। इस प्रकार शेयर बाजार की चाल को वेग देने वाले कारक तत्वों को ट्रीगर कहा जाता है। अहा जिदंगी या उसके इस कॉलम को पढ़ना भी आपके लिए ट्रीगर हो सकता है क्योंकि इसको पढ़कर आप लाभान्वित होते हैं।