शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली - स्टॉप लॉस
स्टॉप लॉस : प्रॉफिट बुकिंग की तरह ही बाजार में लॉस की अर्थात घाटे की बुकिंग करनी होती है, जिसे स्टॉप लॉस कहा जाता है तथा उचित समय पर ऐसा न कर पाने पर घाटा बढ़ता जाता है। माना कि कोई शेयर 45 रू. के भाव पर लिया और उसका भाव घटकर 38 रू. रह गया तथा आगे भी उसमें घटने का ही रूझाान दिखायी दे तो निवेशकों को 38 रू. के स्तर पर शेयर बेच कर अपने घाटे को मर्यादित कर लेना चाहिए। ऐसा न करने पर घाटे की मात्रा काफी ज्यादा हो सकती है। रोज-रोज की खरीद-बिक्री के दौरान प्रॉफिट बुकिंग और स्टॉप लॉस की नीति का उपयोग प्रचुर मात्रा में होता है। स्टॉप लॉस को दूसरे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ है कि घाटे की मर्यादा को नियंत्रित कर लेना। निवेशक इस प्रकार की खास सूचना के साथ अपना ऑर्डर भी रख सकते हैं।