उत्तर प्रदेश की मिट्टी संक्षिप्त विवरण
उत्तर प्रदेश की मिट्टी को दो प्रमुखत: वर्गों में बांटा जा सकता है |
1) कांप मिट्टी
2) मिश्रित लाल और काली मिट्टी
1) कांप मिट्टी : सिन्धु गंगा के मैदान में यह मिट्टी दो प्रकार में पायी जाती है, पुरानी - कांप मिट्टी "बांगर" एवं नई कांप मिट्टी "खादर" |
इन मिट्टी ओं को निन्मलिखित विभागों में बाटा जा सकता है -
अ) पश्चिम क्षेत्र - यह मिट्टी छिछली है, इसमें कंकड़, पत्थर बड़ी मात्रा में पाये जाते है और सामान्यत: यह मिट्टी अम्लीय है | इसके अंन्तर्गत सहारनपूर, मुजप्फर नगर, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली और पीलीभीत जिले आते है |
ब) केंद्रीय क्षेत्र - यह मिट्टी बलुई-चिकनी है तथा इसमे अम्ल भी होता है | इसके अंन्तर्गत खाीरी, सीतापूर, लखनऊ, बाराबंकी, जौनपुर, आजमगढ़ तथा कानपूर जिले आते है |
क) पूर्वी क्षेत्र - जल-प्लावित नदी के किनारे पर पाई जाने वाली मिट्टी को ढूह कहते है | मांट मिट्टी स्थानिक नाम है | मांट मिट्टी चिकनी बुलई होती है और उसमे चूना अधिक होता है | इसकी जल-धारण शक्ती अधिक होती है |
2) मिश्रित लाल और काली मिट्टी : काली मिट्टी को सामान्यत: मार और काबर कहते है | यह चिपचिपी तथा कैल्केरियायुक्त और उर्वरा होती है |