पच् (पकाना) – आत्मनेपदी – उभयपदी
लट् लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पचते | पचेते | पचन्ते |
मध्यमपुरुष: | पचसे | पचेसे | पचध्वे |
उत्तमपुरुष: | पचे | पचावहे | पचामहे |
लृट् लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पचिष्यते | पचिष्येते | पचिष्यन्ते |
मध्यमपुरुष: | पचिष्यसे | पचिष्येथे | पचिष्यध्वे |
उत्तमपुरुष: | पचिष्ये | पचिष्यावहे | पचिष्यमहे |
लड्. लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अपचत | अपचेताम् | अपचन्त |
मध्यमपुरुष: | अपचथाः | अपचेथाम् | अपचध्वम् |
उत्तमपुरुष: | अपचे | अपचावहि | अपचामहि |
लोट् लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पचताम् | पचेताम् | पचन्ताम् |
मध्यमपुरुष: | पचस्व | पचेथाम् | पचध्वम् |
उत्तमपुरुष: | पचै | पचावहै | पचामहै |
विधिलिड्. लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पचेत | पचेयाताम् | पचेरन् |
मध्यमपुरुष: | पचेथाः | पचेयाथाम् | पचेध्वम् |
उत्तमपुरुष: | पचेय | पचेवहि | पचेमहि |
आशीर्लिड्. लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पक्षीष्ट | पक्षीयास्ताम् | पक्षीरन् |
मध्यमपुरुष: | पक्षीष्ठाः | पक्षीयास्थाम् | पक्षीध्वम् |
उत्तमपुरुष: | पक्षीय | पक्षीवहि | पक्षीमहि |
लिट् लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पेचे | पेचाते | पेचिरे |
मध्यमपुरुष: | पेचिषे | पेचाथे | पेचिध्वे |
उत्तमपुरुष: | पेचे | पेचिवहे | पेचिमहे |
लुट् लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | पक्ता | पक्तारौ | पक्तारः |
मध्यमपुरुष: | पक्तासे | पक्तासाथे | पक्तावे |
उत्तमपुरुष: | पक्ताहे | पक्तास्वहे | पक्तास्महे |
लुड्. लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अपक्त | अपक्षाताम् | अपक्षत |
मध्यमपुरुष: | अपक्थाः | अपक्षाथाम् | अपक्ध्वम् |
उत्तमपुरुष: | अपक्षि | अपक्ष्वहि | अपक्ष्महि |
लृड्. लकार:
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुष: | अपक्ष्यत | अपक्ष्येताम् | अपक्ष्यन्त |
मध्यमपुरुष: | अपक्ष्यथाः | अपक्ष्येथाम् | अपक्ष्यध्वम् |
उत्तमपुरुष: | अपक्ष्ये | अपक्ष्यावहि | अपक्ष्यामहि |
इति