शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली - मार्केट ब्रेड्थ
मार्केट ब्रेड्थ : बाजार की चाल एवं प्रवृत्ति को दर्शाने वाली बातों को मार्केट ब्रेड्थ कहा जाता है। शेयर बाजार में जब यह जानना हो कि बाजार की चाल सकारात्मक है या नकारात्मक तो इसका अनुमान निकालने के लिए मार्केÀट ब्रेड्थ को देखना चाहिए। एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों में से जितनी भी कंपनियों के दिन भर के दौरान सौदे होते हैं उनमें से बढ़ने वाली और घटने वाली दोनों स्क्रिपें होती हैं। यदि बढ़ने वाली स्क्रिपों की संख्या अधिक हो तो मार्केÀट ब्रेड्थ पॉजिटिव और यदि घटने वाली स्क्रिपों की संख्या अधिक हो तो मार्केÀट ब्रेड्थ निगेटिव कही जाती है। उदाहरण स्वरूप बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में यदि किसी दिन 2500 स्क्रिपों में सौदे हुए हों और उसमें से 1500 स्क्रिपों के भाव बढ़े हों और 1000 स्क्रिपों के भाव घटे हों मार्केÀट ब्रेड्थ पॉजिटिव अर्थात सकारात्मक कही जाती है। इसके विपरीत होने पर मार्केट ब्रेड्थ निगेटिव अर्थात नकारात्मक कहलाती है। बाजार का रूझाान जानने के लिए निवेशकों को घटने वाली और बढ़ने वाली स्क्रिपों पर ध्यान देना चाहिए। यह संख्या शेयर बाजार की वेबसाइट पर उपलब्ध है। बीएसई और एनएसई दोनों की वेबसाइट पर मार्केट ब्रेड्थ रोज-रोज ऑन लाइन देखने को मिलती है। सेंसेक्स की 30 स्क्रिपों में से 25 स्क्रिपें बढ़ी हों और 5 घटी हों तो सेंसेक्स की मार्केट ब्रेड्थ पॉजिटिव कही जाती है। इसी प्रकार प्रत्येक इंडेक्स की अपनी -अपनी मार्केÀट ब्रेड्थ जानी जा सकती है।