अरहर की खेती


परिचय

अरहर की खेतीअकेले या दूसरीफसलो के साथसहफसली खेती केरूप में भीकर सकते है, सहफसली खेती केरूप में ज्यादातरज्वार  बाजरामक्का सोयाबीन कीखेती की जासकती है।

प्रजातियाँ

अरहर की उन्नतशीलप्रजातियाँ क्या होतीहै ,इनके बारेमें आप बताइए?
अरहर की खेतीके लिए दोप्रकार की उन्नतशीलप्रजातियाँ उगाई  जातीहै पहली अगेतीप्रजातियाँ  होतीहै, जिसमे उन्नतप्रजातियाँ है पारस, टाइप २१, पूसा९९२, उपास १२०, दूसरी पछेती यादेर से पकनेवाली प्रजातियाँ हैबहार है, अमरहै, पूसा है, नरेन्द्र अरहर है आजादअरहर ,मालवीयबहार, मालवीय चमत्कारजिनको देर सेपकने वाली प्रजातियाँके रूप सेजानते है

उपयुक्त भूमि

अरहर की खेतीके लिए जलवायुऔर भूमि किसप्रकार  कीहोनी चाहिए?
अरहर की खेतीके लिए समशीतोसनजलवायु के साथसाथ वुवाई केसमय ३० डिग्रीसेंटीग्रे तापमान होना अतिआवश्यक है अरहरकी अच्छी उपजके लिए दोमटया बलुई दोमटभूमि अच्छी मानी  जातीहै

खेत की तैयारी

 अरहर कीफसल के लिएखेत की तैयारीकैसे करे?
खेत की पहलीजुताई मिटटी पलटनेवाले से करनेकी जरूरत होतीहै, उसके बाददो तीन जुताईकल्टीवेटर से करनाअति आवश्यक है, इसके बाद आखिरीजुताई के बाद200-300 कुंतल गोबर कीखाद मिलाकर पाटालगाना अति आवश्यकहोता है।

बीज बुवाई

अरहर की फसलके लिए वुवाईका कुछ उपयुक्तसमय भी होताहै ?
जल्दी पकने वालीप्रजातियाँ है उनकोजून के प्रथमसप्ताह में वुवाईकरना वहुत  ही उचितसाथ ही देरसे पकने वालीप्रजातियाँ को जुलाईके प्रथम सप्ताहमें वुवाई करेतो हम कोवहुत अच्छी पैदावारमिलती है
अरहर की बीजकी मात्रा क्याहो और वुवाईकिस प्रकार कीजाए?
अरहर की जल्दीपकने  वालीप्रजातियाँ है, उनमे१५  से२० किलो ग्रामबीज एक हेक्टरके लिए प्रयाप्तहोता है ,इसीप्रकार देर सेपकने  वालीप्रजातियों के लिए१२ से १५किलो ग्राम बीजएक हेक्टर केलिए प्रयाप्त होताहै अरहर केबीज की वुवाईलाइनों में हलके पीछे करनीचाहिए लाइन सेलाइन  कीदुरी जल्दी पकनेवाली प्रजातियों केलिए ४५ सेंटीमीटर पौध सेपौध की दुरी२० सेंटी मीटररखते है इसीप्रकार देर  से पकने वालीप्रजातियाँ उसमे लाइनसे लाइन कीदुरी ६० सेंटीमीटर कर सकतेहै ,और पौधसे पौध कीदुरी ३० सेंटीमीटर रख सकतेहै
अरहर की बीजवुवाई से पहलेकिस प्रकार सेशोधित करे?
अरहर में वुवाईसे पहले बीजको ग्रामथीरम या १ग्रामकार्बेन्दजिन से किलो ग्राम बीजको शोधित करलेना चाहिए इसकेबाद वुवाई सेपहले राईजोवियम कल्चरके एक पैकेटको १० किलोग्राम बीज कोशोधित करके वुवाईकर देनी चाहिएजिस खेत मेंपहली वार अरहरकी वुवाई कीजा रही होवहा पर कल्चरका प्रयोग बहुतआवश्यक  है

जल प्रबंधन

अरहर की फसलमें सिचाई कबकरनी चाहिए?
अरहर किअगेति खेती करनेपर अक्टूबर केमहीने में पछेतीखेती दिसम्बर जनवरी के माहीनेमें आवश्यकता अनुसारजरूरत पड़ने परसिचाई करना चाहिए

पोषण प्रबंधन

अरहर की फसलखाद एव उर्वरकका प्रयोग कितनीमात्रा में औरकब किया जानाचाहिए?
मृदा परीक्षण कराके हीखाद एवं उर्वरकके बारे मेंसोचना चाहिए, खादका प्रयोग खेतकी तैयारी केसमय कर सकतेहै, उर्वरक 15 किलोनाइट्रोजन 40 किलो ग्रामफास्फोरस तथा 20 किलो ग्रामपोटाश तत्व केरूप में प्रयोगकिया जाए तोवहुत अच्छा रहताहै, नत्रजन कीआधी मात्रा तथाफास्फोरस पोटाश की पूरीमात्रा खेत तैयारकरते समय प्रयोगकरना चाहिए शेषआधी नाइट्रोजन कीमात्रा वुवाई के 25-30 दिनबाद खड़ी फसलमें टापड्रेसिंग केरूप में करेतो पैदावार अच्छीहोती है

रोग प्रबंधन

अरहर की फसलको रोगों सेवचाव के लिएक्या करना चाहिए?
इसमें मुख्य तरह उकुटहावा वंजा रोगलगता है ,इसरोग उपचार केलिए बीज को ग्राम थीरम ग्रामकाराब्न्दजिन  एककिलो ग्राम बीजको वुवाई सेपहले शोधित करकेवुवाई करनी चाहिएइससे उकता रोगसे छुटकारा मिलसकता है।

कीट प्रबंधन

अरहर की फसलको कीटो सेवचाव के लिएक्या करना चाहिए?
अरहर में मुख्यतयाफली वेधक पत्तीलपेटक अरहर कीफल इस फसलको प्रभावित करतीहै ,इसके उपचारके लिए मोनोक्रोटोफास३६ सी१००० लीटर पानीमें घोल लेऔर छिडकाव करेतो इस रोगसे छुटकारा मिलसकता है

फसल कटाई

अरहर की फसलकी कटाई कबकी जानी चाहिए?
अरहर की जल्दीपकने वाली प्रजातियाँकी कटाई वुवाईके १४० दिनसे १५० दिनअथार्त १५ नवम्बरसे १५ जनवरीतक की जातीहै देर सेपकने वाली प्रजातियाँजो किसान भाईउगाते है ,उसफसल की कटाई२६०   से२७० दिन अथार्त  १५मार्च से १५अप्रैल की वीचकटाई की जातीहै

पैदावार

अरहर की फसलकी उपज प्रतिहेक्टर कितनी प्राप्त होतीहै?

अरहर की जल्दीपकने वाली प्रजातियाँकी उपज १८षे२०कुंतल ले सकतेहै इसी तरीकेसे जो देरसे पकने वालीप्रजातियाँ है उसफसल से २५से ३० कुंतलउपज प्राप्त करसकते है