गोभी की खेती

परिचय

फूलगोभी की खेतीपूरे वर्ष मेंकी जाती हैI इससे किसान अत्याधिकलाभ उठा सकतेहैI इसको सब्जी, सूप और आचारके रूप मेंप्रयोग करते हैI इसमे विटामिन बीप्रयाप्त मात्रा के साथ-साथ प्रोटीनभी अन्य सब्जियोंके तुलना मेंअधिक पायी जातीहै

प्रजातियाँ

फूलगोभी की कौनसी उन्नत शीलप्रजातियाँ हैं जोबोई जाती हैं?
फूलगोभी की मौसमके आधार परतीन प्रकार कीप्रजातियाँ होती हैI जैसे की अगेती, मध्यम और पछेतीप्रजातियाँ पायी जातीहैं अगेती प्रजातियाँपूसा दिपाली,अर्लीकुवारी, अर्ली पटना, पन्तगोभी 2, पन्त गोभी3 पूसा कार्तिकपूसाअर्ली सेन्थेटिक, पटनाअगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन328 हैI मध्यम प्रकार कीप्रजातियाँ पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट,अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड2, पूसा अगहनी, एवं पटनामध्यम, आखिरी में पछेतीप्रजातियाँ स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल1, पूसा स्नोबाल 2, पूसा के1, दानिया, स्नोकिंग, पूसा सेन्थेटिक, विश्व भारती, बनारसीमागी, जॉइंट स्नोबालI

उपयुक्त जलवायु

फूलगोभी की खेतीके लिए किसप्रकार की जलवायुऔर भूमि कीआवश्यकता होती है?
फूलगोभी की खेतीप्रायः जुलाई से शुरूहोकर अप्रैल तकहोती हैI इसकेलिए भूमि हल्कीसे भारी मिट्टीतक में कीजा सकती हैI प्रायः दोमट औरबलुई दोमट भूमिअत्यधिक उत्तम होती है

खेत की तैयारी

फूलगोभी की खेतीके लिए भूमिकी तैयारी कैसेकरें?
खेत की पहलीजुताई मिट्टी पलटनेवाले हल सेकरते हैI इसकेबाद दो तीनजुताई देशी हलया कल्टीवेटर सेकरने के बादखेत में पाटालगाकर समतल एवंभुरभुरा कर लेनाचाहिएI खेत मेंपानी के निकासका उचित प्रबंधहोना अतिआवश्यक हैI

बीज बुवाई

फूल गोभी कीबीजदर प्रति हैक्टरऔर बीज शोधनहमारे किसान भाईकिस प्रकार सेकरें?
इसमे 450 ग्राम से 500 ग्रामबीज प्रति हैक्टरप्रयाप्त होता हैI बीज बुवाई सेपहले 2 से 3 ग्रामकैप्टन या ब्रैसिकालप्रति किलोग्राम बीजकी दर सेशोधित कर लेनाचाहिएI इसके साथही साथ 160 से175 मिली लीटर को2.5 लीटर पानी मेंमिलकर प्रति पीसवर्ग मीटर केहिसाब नर्सरी मेंभूमि शोधन करनाचाहिएI

पौधशाला

गोभी के पौधेकैसे तैयार करें?
स्वस्थ पौधे तैयारकरने के लिएभूमि तैयार होनेपर 0.75 मीटर चौड़ी, 5 से 10 मीटर लम्बी, 15 से 20 सेंटीमीटर ऊँची क्यारियांबना लेनी चाहिएI दो क्यारियों केबीच में 50 से60 सेंटीमीटर चौड़ी नाली पानीदेने तथा अन्यक्रियाओ करने हेतुरखनी चाहिएI पौधडालने से पहले5 किलो ग्राम गोबर कीखाद प्रति क्यारीमिला देनी चाहिएतथा 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ़पोटाश 5 किलोयूरिया प्रति वर्ग मीटरके हिसाब सेक्यारियों में मिलादेना चाहिए I पौध2.5 से 5 सेन्टीमीटर दूरी कीकतारों में डालनाचाहिएI क्यारियों में बीजबुवाई के बादसड़ी गोबर कीखाद से बीजको ढक देनाचाहिएI इसके 1 से 2 दिनबाद नालियों मेंपानी लगा देनाचाहिए या हजारे  सेपानी क्यारियों देनाचाहिएI

प्रतिरोपण

फूलगोभी की रोपाईकब और कैसेकरें?
फसल समय केअनुसार रोपाई एवं बुवाईकी जाती हैI जैसे अगेती मेंमध्य जून सेजुलाई के प्रथमसप्ताह तक पौधडालकर पौध तैयारकरके 45 सेन्टी मीटर पंक्तिसे पंक्ति और45 सेन्टी मीटर पौधेसे पौधे कीदूरी पर पौधडालने के 30 दिनबाद रोपाई करनीचाहिएI मध्यम फसल मेंअगस्त के मध्यमें पौध डालनाचाहिएI पौध तैयारहोने के बादपौध डालने के30 दिन बाद 50 सेन्टी मीटरपंक्ति से पंक्तिऔर 50 सेन्टीमीटर पौधेसे पौधे दूरीपर रोपाई करनीचाहिएI पिछेती फसल मेंमध्य अक्टूबर सेमध्य नवम्बर तकपौध डाल देनाचाहिएI  30 दिनबाद पौध तैयारहोने पर रोपाई60 सेन्टीमीटर पंक्ति से पंक्तिऔर 60 सेन्टीमीटर पौधेसे पौधे कीदूरी पर रोपाईकरनी चाहिएI

जल प्रबंधन

फूलगोभी की सिचाईकब और कैसेकरें?
पहली सिचाई पौध रोपणके तुरन्त बादहल्की करनी चाहिएI इसके पश्चात आवश्यकतानुसार10 से 15 दिन केअन्तराल पर सिचाईकरते रहना चाहिएI

पोषण प्रबंधन

फूलगोभी की फसलमें खाद औरउर्वरको का प्रयोगकब और कैसेकिया जाए?
देखिए, किसान भाईयों फूलगोभीकी अगेती फसलकी अपेक्षा पिछेतीफसल में खादऔर उर्वरको कीअधिक आवश्यकता पड़तीहैI इसकी अच्छी  पैदावारप्राप्त करने केलिए 250 से 300 कुन्तल सड़ीगोबर की खादया कम्पोस्ट खादडालना आवश्यक होताहैI 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्रामफास्फोरस तथा 60 किलोग्रामपोटाश तत्वके रूप मेंप्रयोग करना चाहिएI गोबर की खादको खेत तैयारकरते समय मिलादेना चाहिए

खरपतवार प्रबंधन

फूलगोभी की खेतीमें खरपतवार कानियंत्रण किस प्रकारसे करना चाहिए?
खरपतवार नियंत्रण के लिए2 से 3 निराई गुड़ाई करनीचाहिएI पौध कीरोपाई से पहलेवासालिन 48 सी1.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयरके हिसाब सेप्रयोग करना चाहिएI

रोग प्रबंधन

 फूलगोभी की खेतीमें फसल सुरक्षाकैसे करनी चाहिए?
फसल सुरक्षा दो प्रकारकी होती हैI पहला रोग नियंत्रणऔर दूसरा कीटनियंत्रणI रोग नियंत्रणमें पौध गलनया डंपिंग आफजनक की बीमारीपीथियम नामक फफूंदीसे होती हैइससेबीज अंकुरित होतेही पौधे संक्रामितहो जाते हैI इसका  नियंत्रणबीज बुवाई केपहले बीज शोधनकरके बोना चाहिएI जैसे की 2.5 से3 ग्राम थीरम याइग्रोसिन जी एनसे प्रति किलोग्रामबीज को शोधनकर लेना चाहिएI दूसरा है ब्लैकराट जीवाणु कालासडन इसमे पत्तियोंपर सबसे पहलेअग्रेजी के वी  आकारके नमी युक्तहरे भाग बनातेहैI जो कीबाद में भूरेतथा बाद मेंकाले होकर मुरझाजाते हैI इसकानियंत्रण पौधे केअवशेष एकत्र करकेजला देना चाहिएI इसके साथ हीसाथ बीज कीबुवाई बीज शोधितकरके करनी चाहिएI 10% ब्लीचिंग पाउडर अथवा प्लांटोमाईसिन्ईस्ट्रैपटोसाएक्लीन 100 पी.पी.एम. 1 ग्राम दवा10 लीटर पानी घोलकरबीज को डुबोकरबुवाई करनी चाहिएI रोगों के साथ-साथ इसमेंकीट भी लगतेहैंI जैसे कीगिराट या सूंड़ीI यह गिराट पत्तियांकहती हैं. इसकेलिए नियंत्रण 5% अलसोनया मेलथिन अथवा10% कार्बोलाल धुल पाउडरका 20-25 किलोग्राम की दरभुरकाव या डस्टिंगप्रति हेक्टेयर कीदर से करनाचाहिए I

फसल कटाई

फूलगोभी की कटाईकब करें सहीसमय क्या है?
फूलगोभी की कटाईउस समय करनीचाहिएI जब फूलउचित आकार केठोस दिखाई देनेलगेI फूलगोभी याहेड को नीचेसे काटना चाहिएजिससे की लेजाने ले आनेमें फूल कीरक्षा बनी रहेI फूलो की कटाईहमेशा सुबह याशाम करनी चाहिएI

पैदावार

फूलगोभी की उपजप्रति हैक्टर कितनीमात्रा में प्राप्तकर सकते है?

इसकी उपज 300 से 400 कुन्तलप्रति हैक्टर फूलोका वजन बाजारमें ले जानेहेतु प्राप्त होताहैI