खीरा की खेती

परिचय

इसकी खेती पूरेभारतवर्ष में कीजाती हैI इसकेफल पीलिया मेंखाने पर बहुतही लाभदायक रहतेहैI इसके फलखाने से पाचनशक्ति अच्छी रहतीहैI इसमे 0.4 प्रतिशतप्रोटीन, 2.5 प्रतिशत कर्बोहाईड्रेट, 1.5 मिलीग्रामआयरन, 2.00 ग्राम विटामिन सीताजे खीरे के100 ग्राम वजन मेंपाया जाता हैI


जलवायु और भूमि

खीरे की खेतीके लिए किसप्रकार की जलवायुऔर भूमि कीआवश्यकता होती है?
खीरा के लिएशीतोषण एवम समशीतोषणदोनों ही जलवायुउपयुक्त होती हैI इसके फूल खिलनेके लिए 13 से18 डिग्री तापमान उपयुक्त होताहैI पौधों केविकास एवम अच्छीपैदावार के लिए18 से 24 डिग्री सेंटीग्रेट तापमानकी जरूरत पड़तीहैI अच्छे जलनिकास वाली दोमटएवम बलुई दोमटभूमि उत्तम मानीजाती हैI खीराकी खेती केलिए भूमि कापी एच 5.5 से6.8 तक अच्छा माना जाताहैI नदियों कीतलहटी में भीइसकी खेती अच्छीकी जाती हैI

प्रजातियाँ

कौन सी उन्नतशीलप्रजातियाँ है जिनकाइस्तेमाल हमारे किसान भाईखीरे की खेतीकरते वक्त करे?
खीरे की प्रजातियाँबहुत सी हैजैसे की हिमांगी, जापानी लॉन्ग ग्रीन, जोवईंटसेट, पूना खीरा, पूसा संयोग, शीतल, फ़ाईन सेट, स्टेट8 , खीरा 90, खीरा 75, हाईब्रिड1 व्हाईब्रिड2, कल्यानपुर हरा खीराइत्यादि हैI

खेत की तैयारी

खेतों की तैयारीकिस प्रकार करे?
खेत की तैयारेके लिए पहलीजुताई मिट्टी पलटनेवाले हल सेतथा 3-4 जुताईयाँ कल्टीवेटर यादेशी हल सेकरके खेत कोभुरभुरा बना लेनाचाहिएI आख़िरी जुताई में200 से 250 कुंतल सड़ी गोबरकी खाद मिलकरनालियाँ बनानी चाहिएI

बीज बुवाई

खीरे की फसलमें बीज कीमात्रा प्रति हेक्टेयर कितनीलगती है औरखीरे की खेतीकरने से पहलेजो बीजो काशोधन किस प्रकारकरे?
एक हेक्टेयर की बुवाईके लिए लगभग2 से 2.5 किलोग्राम बीज उपयुक्तहोता हैI जबबुवाई खेत मेंनाली बनाकर कीजाती हैI बीजशोधन 2 ग्राम केप्टान प्रतिलीटर पानी मेंमिलाकर बीज को3 से 4 घंटे भिगोकरछाया में सुखाकरबीज की बुवाईकरनी चाहिएI
खीरे की फसलकी बुवाई कासही समय क्याहै और किसप्रकार की विधिका इस्तेमाल करनाचाहिए?
इसकी बुवाई दो मौसममें की जातीहैI पहला कीखरीफ में जूनसे जुलाई तकबुवाई की जातीहै दूसरा जायदमें जनवरी सेफरवरी तक बुवाईकी जाती हैI बुवाई हेतु खेतकी तैयारी केबाद 50 सेंटीमीटर चौड़ी 1 से1.5 मीटर की दूरीपर 25 से 30 सेंटीमीटरगहरी नालियाँ पूर्वसे पश्चिम दिशामें तैयार करके45 से 50 सेंटीमीटर की दूरीपर 5 से 6 बीजएक जगह बोतेहैI पौधे सेपौधे की दूरी45 से 50 सेंटीमीटर रखते हैतथा नाली केदोनों ओर ऊपरकी आधी दूरीपर बुवाई कीजाती हैI

पोषण प्रबंधन

खीरे की फसलमें खाद एवमउर्वरको का सहीइस्तेमाल हमें कबकरना चाहिए?
सड़ी गोबर कीखाद 200 से 250 कुंतल खेतकी तैयारी करतेसमय आखरी जुताईके समय खेतमें मिला देनाचाहिए इसके साथही 40 से 50 किलोग्रामनत्रजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा75 किलोग्राम पोटाश तत्व केरूप में देनाचाहिएI नत्रजन की आधीमात्रा फास्फोरस एवम पोटाशकी पूरी मात्राखेत तैयारी केसमय तथा नत्रजनकी शेष आधीमात्रा दो बारमें खड़ी फसलमें देना चाहिएI पहली बार बुवाईके 20 से 25 दिनबाद तथा दूसरीबार फूल आनेपर नत्रजन कीमात्रा देनी चाहिएI

जल प्रबंधन

खीरे की फसलमें सिंचाई कासही समय क्याहै, सिंचाई हमेंकब करनी चाहिए?
खरीफ में सिंचाईकी कम आवश्यकतापड़ती है क्योकिपानी बरसता रहताहैI जब पानी बरसे तोआवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिएतथा जायद केमौसम में प्रतिसप्ताह सिंचाई करनी पड़तीहैI

खरपतवार प्रबंधन

खरपतवारों का नियंत्रणकिस प्रकार सेकरे निराई-गुडाईका सही समयक्या है?
बुवाई के 20 से 25 दिनबाद निराई-गुडाईकरना चाहिएI खेतको साफ़ रखनाचाहिए यदि खरपतवारज्यादा जमते होतो नालियों केखरपतवार निकलना अति आवश्यकहोगा उस समयवाइन जिसे पौधाकहते है कोउलझने नहीं देनाचाहिए जिससे पैदावारपर कुप्रभाव पड़ सके जहाँपर खरपतवार अधिकउगते है वहांपेंडीमेथालीन की 3.3 लीटर मात्राको 1000 लीटर पानीमें मिलाकर प्रतिहेक्टेयर छिडकाव बुवाई केएक- दो दिनके अन्दर करनाचाहिए जिससे कीखरपतवारों का जमाव हो सकेI

रोग प्रबंधन

किस प्रकार के रोगलगते है, खीरेकी फसल मेंऔर उनका नियंत्रणकिस प्रकार सेकरे?
इसमे फफूंदी के रोगलगते है जैसेकी डाउनी मिल्ड्यूफफूंदी, प्उड़री मिल्ड्यू फफूंदी, स्कोर पोरा धब्बारोग तथा विषाणुरोग लगते हैईइनकी रोकथाम केलिए प्रमाणिक बीजबोना अति आवश्यकहै, उपचारित बीजकी बुवाई करनीचाहिए, फसल चक्रजरूर अपनाना चाहिएइसके साथ हीकोसावेट गंधक 2 ग्राम प्रतिलीटर पानी मेंया कैरोथिन 1 मिलीलीटरप्रति लीटर पानीमें मिलाकर 3-4 छिडकाव10 से 15 दिन केअंतराल पर करनाचाहिएI विषाणु रोग कीरोकथाम के लिएस्ट्रेप्टोमईसीन 400 पी.पी.एम्. काछिड़काव पेड़ो पर 10 दिनके पर दोबार करना चाहिएI

कीट प्रबंधन

कौन-कौन सेकीट लगते हैखीरे की फसलमें और उनकेनियंत्रण हेतु क्याउपाय करने चाहिए?
खीरा में कईप्रकार के कीटलगते है जैसाकी माहू, बगकीट, पेंटासूमिड़ बगतथा कुकरबिट माइट, मैलान फ्लाई आदिलगते हैI रोकथामके लिए ग्रसितपौधों को उखाड़करअलग कर लेनाचाहिए इसके साथही पौधों कोजला देना चाहिएI माहू के लिएमोनोक्रोटोफास या डेमीक्रोंनका छिडकाव करनाचाहिएI मैलान फ्लाई कीरोकथाम के लिएजहरीली वेट 50 ग्राम मैलाथियानइसके साथ में200 ग्राम शीरा तथा2 लीटर पानी मेंमिलाकर छिडकाव करके नष्टकिया जा सकताहैI

फसल कटाई

फलो की तुडाईहमें कब करनीचाहिए और किसप्रकार से करनीसे चाहिए?
फसल में जबखाने योग्य फलमिलने लगे तोसप्ताह में दोबार तुडाई करनीचाहिएI मादा फूलआने के एकसप्ताह में फलखाने योग्य होजाते हैI तुडाईलगातार करते रहनाचाहिए जब तकफल मिलते रहेI जितना मुलायम फलबाजार में बेचनेके लिए जाताहै उतना हीअच्छा पैसा मिलताहैI

पैदावार

खीरे की फसलसे फलों कीपैदावार लगभग कितनीप्राप्त हो जातीहै?

तकनीकी की सभीक्रियाये अपनाने पर फसलसे हमें 100 से120 कुंतल प्रति हेक्टेयर खानेयोग्य फल प्राप्तहोते हैI