पातगोभी की खेती

परिचय

पातगोभी रबी मौसमकी एक महत्वपूर्णसब्जी है जिसकाउत्पादन लगभग सभीजगह किया जाताहै| इसका प्रयोगबिभिन्न सब्जियो एवं व्यंजनोमें किया जाताहै| इसको बंधाएवं बंदगोभी भीकहते है| इसमेविटामिन , बी, सी तथा . पर्याप्त मात्रा में पायाजाता है इसकेसाथ-साथ इसमेलोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियमएवं सोडियम लवणभी प्रचुर मात्रामें पाये जातेहै| पातगोभी मेंविशिष्ट स्वाद सिनीग्रीन नामकग्लुकोसाइट की उपस्थितके कारण होताहै इसकी खेतीउड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहारकर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाबउतार प्रदेश केअधिक भागो मेंकी जाती है|

जलवायु और भूमि

पातगोभी की खेतीके लिए किसप्रकार की जलवायुऔर भूमि कीआवश्यकता होती है?
किसान भाइयो पातगोभी कीखेती लगभग हरमौसम में कीजाती है प्रायःअप्रैल तक व्यवसायिकखेती की जातीहै| पातगोभी रेतीलीसे भारी तकलगभग सभी प्रकारकी भूमि मेंउत्पादित की जासकती हैI भूमिका पी.एच. मान 5.5 से 7.5 के बीचहोना चाहिए|

प्रजातियाँ

पातगोभी की कौनसी उन्नतशील प्रजातियाहै जिनका इस्तेमालकरे?
पातगोभी की मौसमके आधार परदो प्रकार कीअगेती एवं पिछेतीप्रजातियां होती है| अगेती प्रजातियां प्राइडआफ इंडिया, गोल्डनएकर, अर्ली डम्पहेड एवं मीनाक्षीआदि हैंI पिछेतीप्रजातिया लेट ड्रमहेड, डेनिश वालहेड, मुक्ता, पूसाड्रम हेड, रेडकैबेज, पूसा हिटटायड, कोपेनहेगन मार्किटआदि है|

खेत की तैयारी

पातगोभी के लिएखेतो की तैयारीहम किस प्रकारसे करे?
खेत की पहलीजुटाई मिट्टी पलटनेवाले हल सेकरनी चाहिए इसकेबाद तीन चारजुताई देशी हलया कल्टीवेटर सेजुताई करके एवंपाटा लगाकर खेतको समतल एवंभुरभुरा बना लेनाचाहिए| पानी केनिकास का उचितप्रबंध होना चाहिएजिससे ज्यादा पानीलग जाने परनिकाला जा सके|

बीज बुवाई

पातगोभी की बुवाईहेतु प्रति हेक्टेयरकितनी मात्रा लगतीहै और हमारेकिसान भाई बीजोंका शोधन किसप्रकार करे?
दोनों ही मौसममें बीज कीमात्रा 500 ग्राम प्रति हेक्टेयरपर्याप्त होती है| बीज की बुवाईसे पहले 2 से3 ग्राम कैप्टान या वैसीकालप्रति किलोग्राम बीजकी दर सेया बीज शोधनकरना चाहिए इसकेसाथ ही 160 से175 मिलीलीटर फर्मेल्डीहाईड को 2.5 लीटर पानीमें मिलाकर प्रति20 वर्ग मीटर भूमिके हिसाब सेनर्सरी का भीशोधन करना चाहिए|

पौधशाला

पातगोभी के पौधकिस प्रकार सेतैयार की जातीहै?
एक हेक्टेयर क्षेत्रफल कीरोपाई के लिएपातगोभी की पौधतैयार करने हेतु10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची 2.5 मीटरलम्बी तथा 1 मीटरचौड़ी 10 से 12 क्यारियो कीआवश्यकता पड़ती हैI क्यारियोके ऊपर बीजकी बुवाई करकेसड़ी गोबर कीखाद से बीजको ढक देनाचाहिए इसके बादहजारे आदि सेहल्का पानी लगानाचाहिए|

पौधरोपण

पातगोभी की पौधरोपाई किस प्रकारकरनी चाहिए?
पातगोभी की रोपाईमौसम एवं प्रजातियोंके अनुसार कीजाती है| अगेतीप्रजातियों की रोपाईपौधे से पौधेएवं पंक्ति सेपंक्ति दोनों की हीदूरी 45 सेंटीमीटर रखी जातीहैI पिछेती प्रजातियोंकी रोपाई पौधेसे पौधे एवंपंक्ति से पंक्तिदोनों की हीदूरी 60 सेंटीमीटर रखी जातीहै|

पोषण प्रबंधन

खाद एवं उर्वरकोका सही इस्तेमालकिस प्रकार सेकरना चाहिए औरपौधों में येकब देना चाहिए?
पातगोभी की अच्छीपैदावार लेने हेतु300 कुंतल प्रति हेक्टेयर सड़ीगोबर की खादखेत तैयारी केसमय आख़िरी जुताईमें अच्छी तरहसे मिला देनाचाहिए| इसके साथही 120 किलोग्राम नत्रजन, 60 किलोग्रामफास्फोरस तथा 60 किलोग्राम पोटाशकी आवश्यकता पड़तीहै| निर्धारित नत्रजनकी आधी मात्राएवं फास्फोरस एवंपोटाश की पूरीमात्रा रोपाई के समयपहले खेत मेंआख़िरी जुताई के समयमिला देना चाहिएशेष नत्रजन कीआधी मात्रा रोपाईके एक माहबाद टापड्रेसिंग द्वाराखड़ी फसल मेंदेना चाहिए |

जल प्रबंधन

पातगोभी की फसलमें सिंचाई कबकरनी चाहिए औरकैसे करनी चाहिए?
पहली सिंचाई पौध रोपणके तुरंत बादहल्की करने चाहिएफसल को अच्छीतरह विकसित करनेके लिए भूमिमें सदैव नमीबनी रहनी चाहिए| जाड़ो में 10 से12 दिन एवं गर्ममौसम में एकसप्ताह बाद सिंचाईकरना चाहिए|

खरपतवार प्रबंधन

पातगोभी की फसलमें निराई-गुड़ाईकब करनी चाहिएऔर किस प्रकारकरनी चाहिए?
जब पौधे रोपाईके बाद अच्छीतरह से खड़ेहोकर चलने लगेतो हर सिंचाईके बाद दोसे तीन बारनिराई-गुड़ाई करकेखेत को पोलाबना देना चाहिए| जब पौधों मेंहेड बनना शुरूहो जाये तोपौधों पर मिट्टीचढ़ाना चाहिए | रोपाई सेपहले भूमि मेंवसालीन 48 .सी. 1.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयरके हिसाब सेप्रयोग करनी चाहिएजिससे खरपवारो काजमाव ही हो सके |

रोग प्रबंधन

पातगोभी की फसलमें कौन-कौनसे रोग लगानेकी सम्भावनाये होतीहै?
इसमे पौध गलनडेम्पिंग आफ बीमारीलगती है यहजन पीथियम नामकफफूंदी है इसकेनियंत्रण हेतु बीजशोधन करके बोनाचाहिएI

कीट प्रबंधन

पातगोभी की फसलमें कौन-कौनसे कीट लगतेहै और उनकीरोकथाम हैम किसप्रकार करे?
पातगोभी की फसलमें मुख्य रूपसे मांहू एफिड्सलगते है इसकेनियंत्रण के लिएरसायनो का प्रयोगकरे जैसे कीडायमिथोएट 30 .सी. या मिथायल आक्सीडेमेटान25 .सी. की1000 लीटर मात्रा पानी मेंघोलकर प्रति हेक्टेयरकी दर सेछिड़काव करना चाहिए|

फसल कटाई

पातगोभी की कटाईकरने का सहीसमय क्या होनाचाहिए?
पातगोभी की गांठेजब पककर कड़ीलगने या दबानेसे भी कड़ीलगे तथा उचितआकार की बनजावे एवं रंगकुछ हल्का साऊपर के पत्तेपीले दिखने लगेतो कटाई करनीचाहिए |

पैदावार

पातगोभी की फसलसे लगभग कितनीपैदावार प्राप्त हो जातीहै?

पातगोभी की उपजकिस्मों या प्रजातियोंएवं मौसम केआधार पर अलग-अलग होतीहै | अगेती प्रजातियोंकी पैदावार 300 से350 कुंतल पाई जातीहै पिछेती प्रजातियोंकी पैदावार 350 से450 कुंतल प्रति हेक्टेयर पाईजाती है |