करेला की खेती

परिचय

करेला की खेतीसब्जी की खेतीमें सामिल हैI करेला की सब्जीका महत्त्व अत्यधिकहैI करेला कीसब्जी शुगर कीबीमारी वाले लोगअधिक प्रयोग करतेहैI यहाँ तककी कच्चा करेलाया उसका रसभी प्रयोग करतेइसके फल कडुएबहुत होते हैI यह मुख्या रूपसे महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा उत्तरप्रदेश में उगायाजाता हैI इसकीखेती खरीफ एवमजायद दोनों मौसममें की जातीहैI

जलवायु और भूमि

करेले की खेतीके लिए किसप्रकार की जलवायुएवम भूमि कीआवश्यकता होती है?
करेले की खेतीके लिए शीतोष्णएवम सम शीतोष्णजलवायु उपयुक्त होती हैI इसके लिए 18 से35 डिग्री तापक्रम उपयुक्त होताहैI इसको गर्मएवम तर दोनोंमौसम में उगायाजाता हैI इसकेलिए दोमट भूमिउपयुक्त होती हैजिसका पी.एच. मान 6.5 से 7.0 होता हैI उस भूमि मेंभी अच्छी खेतीकी जा सकतीहैI

प्रजातियाँ

कौन-कौन उन्नतप्रजातियाँ पाई जातीहै करेले में?
इसमे बहुत सीप्रजातियाँ पाई जातीहै जैसे कीअर्का हरित, सी. 1, कोयम्बटूरलॉन्ग, कोंकण तारा, एम्. डी यू.1, पूसादो मौसमी, पूसाविशेष, कल्यानपुर सोना, कल्यानपुरबारहमासी, प्रीती, प्रिया, पंजाब14, सी.96 , आई.एच. आर 4 एवम आई.एच. आर7, एन. डी. बी.1 आदि प्रजातियाँ हैI

खेत की तैयारी

करेले की फसलके लिए खेतोंकी तैयारी किसप्रकार करनी चाहिए?
खेत की तैयारीमें पहली जुताईमिट्टी पलटने वाले हलसे तथा तीनचार जुताई कल्टीवेटरया देशी हलसे करने केबाद खेत कोभुरभुरा बना लेनाचाहिएI आख़िरी जुताई में250 से 300 कुंतल सड़ी गोबरकी खाद मिलाकरनालियाँ बनानी चाहिएI

बीज बुवाई

करेले की फसलमें बीज कीमात्रा प्रति हेक्टेयर कितनीलगती है औरबीजो का शोधनकिस प्रकार करनाचाहिए?
सामान्तः2.5 से 3 किलोग्राम बीज प्रतिहेक्टेयर नाली बनाकरबुवाई करने परलगता हैI बीजशोधन 2 ग्राम कैप्टान प्रतिलीटर पानी मेंमिलाकर बीज को3 से 4 घंटे भिगोकरछाया में सुखाकरबीज की बुवाईकरनी चाहिएI
करेले के फसलकी बुवाई कीकोई ख़ास विधिहै अगर हैतो उसका उपयोगहमारे किसान भाईकिस तरह करे?
इसकी बुवाई दो मौसममें की जातीहैI जायद मेंबुवाई जनवरी सेफरवरी तक कीजाती हैI खरीफमें बुवाई जूनसे जुलाई तककी जाती हैI बुवाई हेतु खेतकी तैयारी केबाद 45 से 50 सेंटीमीटर चौड़ी1.5 से 2 मीटर कीदूरी पर 25 से30 सेंटीमीटर गहरी नालियाँपूर्व से पश्चिमकी दिशा मेंतैयार करके 45 से50 सेंटीमीटर की दूरीपर 3 से 4 बीजएक जगह परबोते हैI पौधेसे पौधे कीदूरी 45 से 50 सेंटीमीटर रखतेहैI

पोषण प्रबंधन

करेले की फसलमें खाद एवमउर्वरको का प्रयोगकितनी मात्रा मेंकरना चाहिए औरकब करना चाहिए?
250 से 300 कुंतल सड़ी गोबरकी खाद आख़िरीजुताई में मिलाकरपाटा लगा देनाचाहिएI इसके साथ40 से 50 किलोग्राम नत्रजन, 40 से60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 20 से40 किलोग्राम पोटाश तत्व केरूप में देनाचाहिएI नत्रजन की आधीमात्र फास्फोरस तथापोटाश की पूरीमात्रा खेत तैयारीके समय तथानत्रजन की शेषआधी मात्रा दोबार में टापड्रेसिंग के रूपमें देना चाहिएI पहली बार चारसे पाँच पत्तियांपौधे में आनेके बाद तथादूसरी बार फूलआने पर नत्रजनदेना चाहिएI

जल प्रबंधन

सिंचाई हम कबकरे किस प्रकारसे करे इससन्दर्भ में बताइए?
जायद में करेलाकी खेती मेंप्रत्येक सप्ताह सिंचाई कीआवश्यकता पड़ती हैI लेकिनखरीफ तथा बरसातमें बहुत हीकम सिंचाई कीआवश्यकता पड़ती हैI पानी बरसने परआवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहनाचाहिएI

खरपतवार प्रबंधन

करेले कब औरकितनी बार निराई- गुडाई करने कीजरूरत पड़ती हैऔर खरपतवार कानियंत्रण हमारे किसान भाईकिस प्रकार सेकरे?
खरीफ में याबरसात में अधिकखरपतवार उगते हैI बुवाई के 20 से25 दिन बाद निराई-गुडाई करना चाहिएI खेत को साफ़रखना अति आवश्यकहैI खरीफ कीफसल में बांसआदि का पोलगाड़कर करेला की लताको पोल यातार या रस्सीके सहारे चढ़ाकरफसल को रखनाचाहिए जिससे पैदावारबढ़ सकेI जहाँपर खरपतवार अधिकउगते है वहांपर पेंडामेथालीन की3.3 लीटर मात्रा को 1000 लीटरपानी में मिलाकरप्रति हेक्टेयर केहिसाब से बुवाईके एक-दोदिन के अन्दरखरपतवारों के जमावसे पहले जमीनपर छिडकाव करनाचाहिए जिससे खरपतवारका जमाव हो सकेI

रोग प्रबंधन

कौन-कौन सेरोग करेले कीफसल में लगसकते है औरइस हेतु क्याउपाय करने चाहिए?
इसमे विषाणु रोग जैसेकी मोज़ेक कीबीमारी लगती हैइसमे पत्तियां सिकुड़नेलगती हैI तथापौधे की वृधिरूक जाती हैI इसके नियंत्रण केलिए ग्रसित पौधोंको उखाड़कर अलगकर देना चाहिएतथा ग्रसित पौधोंको जला देनाचाहिएI इसके साथही फसल परदो ग्राम मोनोक्रोटोफासप्रति लीटर पानीमें घोलकर छिडकावकरना चाहिएI छिडकावहर 15 दिन केअंतराल पर फसलपर करते रहनाचाहिए जिससे कीरोग लगसकेI

कीट प्रबंधन

कीट कौन-कौनसे लगते हैकरेले की फसलमें और उनकानियंत्रण हमारे किसान भाईकिस प्रकार सेकरे?
इसमे पत्ती, तना तथाफली बेधक कीटलगते है इससेफलो की गुणवत्ताख़राब हो जातीहैI कीट नियंत्रणके लिए मैलाथियान50 .सी.1.25 लीटरया कार्बोसल्फान 1.25 लीटर600 से 800 लीटर पानीमें मिलाकर प्रतिहेक्टेयर के हिसाबसे दो-तीनछिडकाव करना आवश्यकहैI

फसल कटाई

करेले की फसलकी तुडाई कैसेकरे और कबकरे?
फसल में जबखाने लायक फल जावे तोप्रत्येक सप्ताह तुडाई करनीचाहिएI जिससे की खानेकी फलो कीगुणवत्ता ख़राब होऔर बाजार मेंभाव या पैसाअच्छा मिल सकेI इसमे खाने योग्यफल 60 से 70 दिनबुवाई के बादमिलाने लगते हैI

पैदावार

करेले की फसलसे खाने योग्यफलों की पैदावारकितनी प्राप्त होजाती है?

फसल में सभीतकनीकी प्रयोग करने परसामान्य रूप से100 से 150 कुंतल प्रति हेक्टेयरउपज प्राप्त होतीहैI