कददू की खेती

परिचय

सब्जी की खेतीमें कददू काप्रमुख स्थान है| इसकीउत्पादकता एवम पोषकमहत्त्व अधिक हैइसके हरे फलोसे सब्जी तथापके हुए फलोसे सब्जी एवमकुछ मिठाई भीबनाई जाती है| पके कददू पीलेरंग के होतेहै तथा इसमेकैरोटीन की मात्राभी पाई जातीहै| इसके फूलोको भी लोगपकाकर खाते है| इसका उत्पादन असाम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तरप्रदेश में मुख्यरूप से कियाजाता है |

जलवायु और भूमि

कददू किस प्रकारकी फसल हैऔर किस तरहकी जलवायु एवमभूमि में इसकीपैदावार होती हैI
कददू की खेतीके लिए शीतोषणएवम समशीतोषण जलवायुउपयुक्त होती हैइसके लिए 18 से30 डिग्री सेंटीग्रेट तापक्रम होनाचाहिए| इसको गर्मएवम तर दोनोंमौसम में उगायाजाता है| इसकेलिए दोमट एवमबलुई दोमट भूमिसर्वोत्तम होती है| यह 5.5 से 6.8 पी एचतक की भूमिमें उगाया जासकता है|

प्रजातियाँ

कौन सी उन्नतशीलप्रजातियाँ है जिनकाइस्तेमाल हम कददूकी खेती करतेवक्त करे?
इसमे बहुत सीप्रजातियाँ पाई जातीहै जैसे कीपूसा विशवास, पूसाविकास, कल्यानपुर पम्पकिन-1, नरेन्द्रअमृत, अर्का सुर्यामुखी, अर्का चन्दन, अम्बली, सी एस 14, सी1 एवम 2, पूसाहाईब्रिड 1 एवम कासीहरित कददू कीप्रजाति पाई जातीहै|

खेत की तैयारी

कददू की फसललेने के लिएहमें अपने खेतोकी तैयारी किसप्रकार करनी चाहिएजिससे की हमेंअच्छी फसल प्राप्तहो सके?
पहली जुताई मिट्टी पलटनेवाले हल सेतथा 3-4 जुताई कल्टीवेटर सेकरके खेत कोअच्छी तरह भुरभुराबना लेना चाहिएइसके पश्चात आख़िरीजुताई में 250-300 कुंतलगोबर की सड़ीखाद मिलाकर नालियाँबनानी चाहिए|

बीज बुवाई

कददू की खेतीमें बीज कीमात्रा प्रति हेक्टेयर कितनीलगती है औरबीजो का शोधनहमारे किसान भाईकिस प्रकार करे?
सामान्यतः5 से 6 किलोग्राम बीज प्रतिहेक्टेयर नाली बनाकरबुवाई करने परलगता है बीजशोधन 2 ग्राम केप्टान प्रतिलीटर पानी मेंमिलाकर बीज को3 से 4 घंटे भिगोकरछाया में सुखाकरबुवाई करते है|
कददू की बुवाईका सही समयक्या है औरकौन सी विधीसे करनी चाहिए?
इसकी बुवाई के दोमौसम अर्थात दोसमय होते है| पहला गर्मियों याजायद की बुवाईफरवरी से मार्चतक बुवाई कीजाती है दूसराबरसात या खरीफकी बुवाई जूनसे जुलाई तककी जाती हैबुवाई हेतु खेतकी तैयारी केबाद 45 से 50 सेंटीमीटर चौड़ीएवम 25 से 30 सेंटीमीटर गहरीनाली 3 से 4 मीटरकी दूरी परपूर्व से पश्चिमकी दिशा मेंतैयार कर नालीमें 60-75 सेंटीमीटर पौधे सेपौधे की दूरीपर बुवाई करनीचाहिए|

पोषण प्रबंधन

खाद और उर्वरकोका प्रयोग हमेंकब करना चाहिएऔर कितनी मात्रामें करना चाहिए?
250 से 300 कुन्तल सड़ी गोबरकी खाद आखरीजुताई के समयखेत में अच्छीतरह से मिलादेना चाहिए इसकेसाथ ही 80 किलोग्रामनत्रजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस एवम40 किलोग्राम पोटाश तत्व केरूप में देनाचाहिए| नत्रजन की आधीमात्रा फास्फोरस एवम पोटाशकी पूरी मात्राखेत की तैयारीके समय तथानत्रजन की आधीमात्रा दो भागोमें टाप ड्रेसिंगमें देना चाहिएपहली बार 3 से4 पत्तियां पौधे परआने पर तथादूसरी बार फूलआने पर नत्रजनदेना चाहिए|

जल प्रबंधन

कददू की फसलमें सिंचाई हमेंकब करनी चाहिएकैसे करनी चाहिएइस सम्बन्ध मेंजानकारी दीजिये?
जायद में कददूकी खेती केलिए प्रत्येक सप्ताहसिंचाई की आवश्यकतापड़ती है लेकिनखरीफ अर्थात बरसातमें इसके लिएसिंचाई की आवश्यकतानहीं पड़ती हैपानी बरसनेपर आवश्यकतानुसार सिंचाईकरनी चाहिए फसलके अंत कालमें सिंचाई कीकम आवश्यकता पड़तीहै|

खरपतवार प्रबंधन

कददू की फसलमें कब औरकितनी बार हमेंनिराई गुडाई करनीपड़ती है, औरइस पर जोखरपतवारो का नियंत्रणहै वह हमकिस तरह उसकीरोकथाम करे?
बुवाई के 20 से 25 दिनबाद पहली निराईगुडाई करनी चाहिए, खेत को साफ़सुथरा रखना चाहिएजिससे बीमारियों काप्रकोप कम होटाहै दो सेतीन निराई गुडाईकरना अति आवश्यकहै जहाँ खरपतवारउगते है वहांपर रसायनों काप्रयोग करना चाहिए| बुवाई के एकसे दो दिनके अन्दर अर्थातखरपतवार जमाव सेपहले पेंडीमेथालीन की3.3 लीटर मात्रा को 1000 लीटरपानी में घोलकरप्रति हेक्टेयर छिडकावजमीन पर करनाचाहिए| जिससे खरपतवारों काजमाव ही हो सके|

रोग प्रबंधन

किस प्रकार के रोगलगाने की संभावनाहोती है कददूकी फसल मेंऔर इन परनियंत्रण हम किसतरह लगाए?
इसमे फफूंदी जनित बीमारीलगती है, इसकीरोकथाम के लिएमेन्कोजेब या बावस्टीन2 ग्राम प्रतिलीटर पानी मेंघोलकर छिडकाव हर10 दिन से 15 दिन केअन्तराल पर करतेरहना चाहिए जिससेरोग लगसके|

कीट प्रबंधन

किस प्रकार के कीटलगते है औरउन पर नियंत्रणहम कैसे स्थापितकरे?
इसमे कई कीटलगते है इनकीरोकथाम के लिएकार्बोसल्फान 25 . सी. 1.5 लीटर या मैलाथियान2 लीटर 800 से 1000 लीटर पानीमें घोलकर प्रतिहेक्टेयर के हिसाबसे हर 10-15 दिनके अन्तराल परछिडकाव करना चाहिएजिससे की कीटोंका प्रकोप हो सके|

फसल कटाई

कददू की जोफसल होती हैउनमे फलों कीतुडाई का सहीसमय क्या हैकब उन्हें तोड़नाचाहिए इस बारेमें भी जानकारीप्राप्त करना बहुतजरूरी है?
फसल में फलजब खाने लायकहो जावे तोप्रति सप्ताह तुडाईकरनी चाहिए यहहरे फल खानेलायक बाजार मेंले जाने हेतुऐसा करना चाहिएइसके साथ हीफल पकने परभी तुडाई कीजा सकती है|

पैदावार

कददू की फसलसे खाने योग्यऔर पके हुएफलो की पैदावारकितनी प्राप्त होसकती है हमारेकिसान भाईयों को?

सामान्य रूप से250 से 300 कुंतल प्रति हेक्टरउपज प्राप्त होतीहै|